Monday, June 21, 2010

कोष्टी समाज की वेबसाइट

कोष्टी समाज के सभी बंधुओ को बहुत बहुत बधाई!
अब आप सभी बंधू समाज की सारी  जानकारी वेबसाइट पर देख सकते हे !
बस अपने वेब ब्रोव्सेर  पर टाइप करे.....
http://www.koshtisamaj.org/

Sunday, May 16, 2010

कोष्टी समाज की वेबसाइट

कोष्टी समाज के सभी लोगो को मेरा नमस्कार! अब आप सभी भारत के विभिन्न स्थानो में रहने वाले समाज के लोगो से परिचित हो सकेंगे, क्य्कुनी समाज की वेबसाइट इन्टरनेट पर आ चुकी है! अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे नीचे दी गई वेबसाइट पर या दिए गे   पते पर!
                                                              धन्यवाद!

Saturday, September 26, 2009

मंडला मे बर्वे का उदय

१६९२ ईसवी मे कन्हैयालाल जो गराकोटा के रहने वाले थे मंडला मे आये, इनके २ लड़के हुए- भादवा और संदवा!
भादवा से माहू और बापुदास हुए!
संदवा से ननकू, बेजू और रैना हुए!
ननकू से सोमन, चुनिया, चरमा, नन्हुआ, और सरूप हुए! इसके आगे इनका वंश ख़तम हो गया!
इसी प्रकार बेजू और रैना का वंश भी आगे चल नहीं सका!
बापुदास जिनकी धर्मपत्नी तिजिया और महादेव की पत्नी गणेशी थी!
इनसे २ भाई लालजी और शिवलाल हुए! इन दोनों का भी वंश भी नहीं चल सका!
भगवत जिसकी धर्मपत्नी मुनिया थी! उसके २ लड़के हुए सहन और केशव ! सहन से सरूपिया हुई और वह ख़तम हो गई! लकिन केशव के ६ लड़के हुए उसकी इस्त्री का नाम भोग था! उसने ६ लड़को को जनम दिया !
और इन ६ लड़को से इस तरह वंश वृधि हुई की इसे एक ही ग्राफ मे नहीं दिखाया जा सकता!
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे दिए गए मोबाइल नंबर पर:- +९१-9826410670 .   

Tuesday, September 15, 2009

कोष्टी समाज का प्रादुर्भाव

वेदांत उक्ति है की त्रेतायुग में सब ऋषि मुनि नग्न थे, तब उन्हें कपड़े की जरुरत हुई - प्रभु की इक्षा अनुसार देव आंगन संकर का रूप धारण कर कपड़े बनाने वाले कोष्टी जाती संसार मई पैदा हुए. 
       देव आंगन को ब्रम्हा की तीन लड़किया ब्याही गई. 
१. कल्याण भोपाई !
२. ब्रम्ह बेनी !
३. अगनता !
         देव आंगन की तीनो स्त्रियों से चार-चार पुत्र हुए, उन पुत्रो के नाम से उनका प्रकार बदल गया,
इस तरह से १२ लड़को से १२ प्रकार के कोष्टी संसार मे पैदा हुए !
वे क्रमशः इस प्रकार है!
१.कल्याण भोपाई के लड़के --> (1) हलवा
                                         (2) भानागो 
                                         (3) लाड़
                                         (4) गंगात्री 
२. ब्रह्मबेनी के लड़के -->         (1) निरही
                                        (2) गढ़वाल
                                        (3) साड़ी
                                        (4) टिक्कास !
३. अगनता के लड़के -->        (1) दक्खिनी 
                                        (2) टिक्कास(हटकर)साही
                                        (3) लिंगयात 
                                        (4) पदम्साली

इनसे २ प्रकार के कोष्टी का जनम हुआ !
(1) बिना जनेव के !
(2) जनेव के !

बिना जनेव  के कोष्टी --> हल्बा, लाड़ और गढ़वाल बिना जनेव के है !
जनेव वाले कोष्टी --> भानागो, गंगात्री, निराही, साड़ी, टिक्कास, दक्खिनी, टिक्कास साही(हटकर),     
                             लिंगयात और पदम्साली जनेव पहेनते है !  और इनका आपस मे खाना- पीना होता है !
बिना जनिव के कोष्टी अधिकतर दक्षिण भारत मे - पूना, सतारा, मैसूर, मद्राश, बंगलोर, इलाके मे रहते है !